वस्तु व सेवा कर (GST) (Goods & Services Tax )
1 जुलाई 2017 से लागू हुई यह एक कर व्यवस्था है। किसी भी सामग्री पर केन्द्र एवं राज्य सरकार के द्वारा कईं तरह के अलग-अलग कर लगाये जाते थे। लेकिन जीएसटी लागू होने से सभी तरह के सामानों पर एक जैसा ही कर लगाया जाता है।
पहले सामान पर 30 से 35% तक कर देना पड़ता था। कुछ चीजों पर तो प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से लगाया जाने वाला कर 50% से ज्यादा होता था। GST आने के बाद यह कर 28% से ज्यादा नहीं रहा। इसमें कोई भी अप्रत्यक्ष कर लागू नही है।
अर्थशास्त्रीयों के अनुसार GST स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात्त सबसे बड़ा आर्थिक सुधार है। GST भारत की अर्थव्यवस्था को एक देश एक कर वाली अर्थशास्त्र बनाती है। पहले भारतवासी 17 अलग-अलग प्रकार के कर चुकाते थे। जबकि GST लागू होने के बाद केवल एक ही प्रकार का कर चुकाया जाता है। इसके लागू होने से एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स, वैट, मनोरंजन कर, लग्जरी कर जैसे बहुत सारे कर समाप्त कर दी गई है।
1 जुलाई 2017 से लागू हुई यह एक कर व्यवस्था है। किसी भी सामग्री पर केन्द्र एवं राज्य सरकार के द्वारा कईं तरह के अलग-अलग कर लगाये जाते थे। लेकिन जीएसटी लागू होने से सभी तरह के सामानों पर एक जैसा ही कर लगाया जाता है।
पहले सामान पर 30 से 35% तक कर देना पड़ता था। कुछ चीजों पर तो प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से लगाया जाने वाला कर 50% से ज्यादा होता था। GST आने के बाद यह कर 28% से ज्यादा नहीं रहा। इसमें कोई भी अप्रत्यक्ष कर लागू नही है।
अर्थशास्त्रीयों के अनुसार GST स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात्त सबसे बड़ा आर्थिक सुधार है। GST भारत की अर्थव्यवस्था को एक देश एक कर वाली अर्थशास्त्र बनाती है। पहले भारतवासी 17 अलग-अलग प्रकार के कर चुकाते थे। जबकि GST लागू होने के बाद केवल एक ही प्रकार का कर चुकाया जाता है। इसके लागू होने से एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स, वैट, मनोरंजन कर, लग्जरी कर जैसे बहुत सारे कर समाप्त कर दी गई है।