Saturday, May 25, 2019

GST | जीएसटी क्या है और यह भारत में क्यों लागू हुआ | प्रधानमंत्री योजना

वस्तु व सेवा कर (GST) (Goods & Services Tax )

1 जुलाई 2017 से लागू हुई यह एक कर व्यवस्था है। किसी भी सामग्री पर केन्द्र एवं राज्य सरकार के द्वारा कईं तरह के अलग-अलग कर लगाये जाते थे। लेकिन जीएसटी लागू होने से सभी तरह के सामानों पर एक जैसा ही कर लगाया जाता है।
 पहले सामान पर 30 से 35% तक कर देना पड़ता था। कुछ चीजों पर तो प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से लगाया जाने वाला कर 50% से ज्यादा होता था। GST आने के बाद यह कर 28% से ज्यादा नहीं रहा। इसमें कोई भी अप्रत्यक्ष कर लागू नही है।

 अर्थशास्त्रीयों के अनुसार GST स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात्त सबसे बड़ा आर्थिक सुधार है। GST भारत की अर्थव्यवस्था को एक देश एक कर वाली अर्थशास्त्र बनाती है। पहले भारतवासी 17 अलग-अलग प्रकार के कर चुकाते थे। जबकि GST लागू होने के बाद केवल एक ही प्रकार का कर चुकाया जाता है। इसके लागू होने से एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स, वैट, मनोरंजन कर, लग्जरी कर जैसे बहुत सारे कर समाप्त कर दी गई है।

Friday, May 24, 2019

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ | प्रधानमंत्री योजना

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना (BBBP SCHEME)


हमारे देश में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अब तक की सभी योजनाओं में सबसे महत्वपूर्ण  योजना है। इस योजना के चलते हमारा देश बेटियों का मुल्य समझने लगा है। यह योजना महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय और परिवार कल्याण मंत्रालय एवं मानव संसाधन विकास की एक संयुक्त पहल के रूप में समन्वित और अभिसरित प्रयासों के अन्तर्गत बालिकाओं को संरक्षण और शसक्त करने के लिए बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 22 जनवरी, 2015 को की गई। इस योजना को सर्वप्रथम हरियाणा से से प्रक्षेपित किया गया।


इस योजना से बेटियों को मिलने वाले लाभ
1.इस योजना से बेटियां शुरक्षित रहेंगी।
2.उनकी पढ़ाई भी अच्छे से हो पायेगी तथा
3.वे समाज में अपनी पहचान बनाने में भी सफल होंगी।
4.जिससे वे अपना जीवन सम्मान के साथ जी सकेंगी।
इन सब के अतिरिक्त सरकार आर्थिक सहायता भी देती है-
5. इस योजना के तहत बेटियों को पढ़ाई के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है।
6.बेटियों की शादी के लिए भी आर्थिक सहायता दी जाती है।
7.इन सबसे भी बड़ा फायदा यह हुआ है कि बेटियों के भ्रुण हत्या कम हो गयी है।
8. इस योजना के चलते बेटी और बेटे में जो अन्तर(भेदभाव) था वह लगभग समाप्त हो गया है।



Thursday, May 23, 2019

स्वच्छ भारत अभियान ‌‌| प्रधानमंत्री योजना

स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार द्वारा आयोजित किया गया राष्ट्रिय स्तर का अभियान है। इस अभियान का उद्देश्य गलियों और सड़कों को साफ रखना तथा क्लस्टर और सामुदायिक शौचालयों के निर्माण के माध्यम से खुले में शौच की समस्या को कम करना या समाप्त करना है।
स्वच्छ भारत मिशन विसर्जन उपयोग की निगरानी के जवाबदेह तंत्र को स्थापित करने की भी एक पहल सरकार ने 2 अक्टूबर 2019, महात्मा गांधी के जन्म की 150वीं  वर्षगांठ तक ग्रामीण भारत में 1.96 लाख करोड़ रुपए की अनुमानित लागत के 1.2 करोड़ शौचालयों का निर्माण करके खुले में शौच मुक्त भारत (ODF) को हासिल करने का लक्ष्य रखा है।

स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार द्वारा चलाया जाने वाला सबसे बड़ा तथा महत्वपूर्ण अभियान है। श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा इंडिया गेट पर स्वच्छता के लिए आयोजित प्रतिज्ञा समारोह का शुभारंभ किया गया था। जिसमें देश भर से लगभग 50 लाख सरकारी कर्मचारीयों ने भाग लिया। इस अवसर पर आये हुए सभी लोग राजपथ पर पदयात्रा में शामिल हुए।
शुरुआत
यह स्वच्छता अभियान मोदी सरकार के आने से पहले ही शुरू हो चुका था किन्तु इस कार्य को गति मोदी जी ने दिया।
अधिकारिक रूप से 1 अप्रेल 1999 से शुरू, भारत सरकार ने व्यापक ग्रामिण स्वच्छता अभियान का पुनर्गठन किया और पूर्ण स्वच्छता अभियान (TSC) शुरू किया। जिसको बाद में (1 अप्रेल 2012 को ) प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा निर्मल भारत अभियान (NBA) नाम दिया गया। स्वच्छ भारत अभियान के रूप में 24 सितम्बर 2014 को केन्द्रीय मंत्रीमंडल की मंजूरी से निर्मल भारत अभियान का पुनर्गठन किया गया था।

निर्मल भारत अभियान(1999 से 2012 तक पूर्ण स्वच्छता अभियान) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई पूर्ण स्वच्छता(CLTS) के सिद्धांतों के तहत एक कार्यक्रम था। जिन गांवों ने पूर्ण स्वच्छता रखी उन्हें निर्मल ग्राम पुरस्कार से सम्मानित किया गया है तथा इस कार्यक्रम के तहत मौद्रिक पुरस्कार एवं प्रचार भी प्राप्त किये।








Tuesday, May 21, 2019

पीएम आवास योजना | क्या है शर्तें एवं किन्हें मिलेगा योजना का लाभ

प्रधानमंत्री आवास योजना  (PMAY)


यदि आपके पास अपना स्वयं का पक्का मकान नही है या आप अपना मकान लेने की सोच रहे हैं तो प्रधानमंत्री आवास योजना आपके लिए एक बेहतर विकल्प है। यह योजना शुरुआत में गरीब वर्ग के लिए ही था किन्तु अब इस योजना का लाभ शहरी, गरीब और मध्यम वर्ग भी ले सकते हैं। चूंकि लोन की रकम बढ़ा दी गई है। पहले लोन की रकम 3 से 6 लाख रुपए तक थी जिसे बढ़ाकर अब 18 लाख रुपए तक कर दिया गया है।
अब सवाल ये उठता है कि आखिर इस योजना का लाभ लें तो कैसे? कई लोग इस लाभकारी योजना से वंचित रह जाते हैं कारण योजना के बारे में सही एवं पुरी जानकारी न होना ।तो आइए जानते हैं इस योजना के क्या- क्या शर्त है एवं किस प्रकार लाभ ले सकते हैं-

सर्वप्रथम जानते हैं कि आयवर्ग का इस योजना में क्या महत्व है- 
यदि आप पीएमएवाय के अंतर्गत मकान खरीदना चाहते हैं तो
इसके लिए सर्वप्रथम आपको यह देखना होगा कि आप किस आयवर्ग में आते हैं। क्या आप 3 से 6 लाख रुपए तक के आयवर्ग में आते हैं यदि हां तो आपको हम बता दें कि इस आयवर्ग में आपको सबसे ज्यादा सब्सिडी मिलेगी। जबकि 6 से 12 लाख रुपए और 12 से 18 लाख रुपए सालाना आयवर्ग में सब्सिडी कम मिलेगी।

मिडिल क्लास के लिए दो श्रेणी
इस योजना का लाभ उठाने के लिए मध्यम वर्ग (एमआइजी) के लिए दो श्रेणी बनाई गई है। जिसमें पहली श्रेणी है 6 लाख रुपए से 12 लाख रुपए तक की तथा दुसरी‌‌ श्रेणी 12 लाख से 18 लाख रुपए तक की है।

योजना की प्रमुख शर्तें

1. प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ केवल उसी व्यक्ति को मिलेगा जिसके पास अपना स्वयं का पक्का मकान नं हो।

2. परिवार के किसी सदस्य को भारत सरकार के किसी योजना के तहत आवास योजना का लाभ न मिला हो यदि परिवार में किसी सदस्य को सरकारी योजना के तहत आवास का लाभ मिला है तो उसके किसी अन्य सदस्य को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल सकता है।

3. योजना के तहत आवेदन के समय अविभाजित परिवार के सभी सदस्यों का आधार कार्ड का नंबर देना जरूरी होता है। इसमें पति-पत्नी और अविवाहित बेटे और बेटी शामिल हैं। शादी के बाद बेटा या बेटी इस योजना के लिए अलग से आवेदन कर सकते हैं।

निर्देश
यह तो हम जानते हि हैं कि माता-पिता के बेटे-बेटियां जब विवाहित हो जाते हैं तो उनका परिवार एक अलग परिवार के गिनती में आता है। हालांकि पति-पत्नी दोनों एक साथ इस योजना का अलग अलग लाभ नहीं ले सकते। अर्थात बेटे-बहु या बेटी-दामाद के नाम पर केवल एक ही मकान पर सब्सिडी मिल सकती है। वे चाहे तो मकान का मालिकाना हक किसी एक को या चाहें तो दोनों के नाम पर रख सकते हैं।

अब जबकि हमें PMAY की सारी शर्तें मालुम है आइए जानते हैं कि आखिर सरकार हमें कितने ब्याज पर कितनी सब्सिडी देती है-

6 लाख रुपए वार्षिक आय वर्ग के लिए
उन लोगों को जिनकी वार्षिक आय 6 लाख रुपए है उन्हें 6 लाख रुपए तक का होमलोन मिल सकता है। और ब्याज दर पर सरकार की तरफ से 6.5 फीसदी की सब्सिडी मिलती है।

12 लाख रुपए वार्षिक आय वालों के लिए
यदि आपकी आय प्रति वर्ष 12 लाख रुपए तक की है तो आपको 9 लाख रुपए तक लोन जिसमें ब्याज दर पर 4 फीसदी की सब्सिडी मिलेगी।

12 लाख से 18 लाख आयवर्ग
जिन लोगों का वार्षिक आय 12 लाख रुपए से 18 लाख रुपए के बीच आता है उन्हें 12 लाख रुपए तक के लोन पर ब्याज दरों में 3 फीसदी तक की सब्सिडी मिलेगी।





Saturday, May 18, 2019

भारत का प्रधानमंत्री| चयन एवं नियुक्ति | कार्य एवं शक्तियां

भारत का प्रधानमंत्री

भारतीय संविधान के अनुसार प्रधानमंत्री केन्द्र सरकार के मंत्रीपरिषद का प्रमुख और राष्ट्रपति का मुख्य सलाहकार होता है। वह भारत सरकार के कार्यपालिका का प्रमुख होता है और सरकार के कार्यों के प्रति संसद को जवाबदेह होता है। सैध्दांतिक रुप में संविधान भारत के राष्ट्रपति को देश का राष्ट्र-पमुख घोषित करता है। संविधान द्वारा राष्ट्रपति के सारे कार्यकारी अधिकारों को प्रयोग करने की शक्ति लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित, प्रधानमंत्री को दी गई है।

भारत के प्रधानमंत्री का चयन ओर नियुक्ति

संविधान के अनुच्छेद ७५ में यह प्रावधान किया गया है कि प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति करेगा। लेकिन राष्ट्रपति अपने विवेकाधिकार से प्रधानमंत्री को नियुक्त नही कर सकता है। जो लोकसभा में बहुमत प्राप्त दल का नेता होता है, उसे ही राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री के पद के लिए चुना जाता है। यदि सामान्य चुनाव में कोई भी दल बहुमत प्राप्त नही कर पाता है, तो राष्ट्रपति लोकसभा में सबसे बड़े दल के नेता को चुनता है या फिर किसी ऐसे व्यक्ति को जिसे कई दलों का समर्थन प्राप्त हो। इसके बाद उसे मौका दिया जाता है कि वह एक महीने के भीतर बहुमत प्राप्त करे । जब कार्यालय मंत्रीपरिषद के विरुद्ध लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पारित हो जाता है, तो मंत्रीपरिषद को त्यागपत्र देना पड़ता है। ऐसी परिस्थिति आने पर राष्ट्रपति लोकसभा में विपक्ष के नेता को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करता है और उन्हें निर्देश देता है कि सरकार के गठन के पश्चात एक महीने के भीतर अपना बहुमत सिद्ध करें।

प्रधानमंत्री के कार्य एवं शक्तियां

प्रधानमंत्री द्वारा किये जाने वाले कार्य एवं शक्तियां निम्न प्रकार हैं -

मंत्रीपरिषद के सम्बन्ध में प्रमुख कार्य

१ मंत्री नियुक्त करने हेतु वह अपने दल के सदस्यों के नाम राष्ट्रपति को सुझाव के रुप में देता है ताकि राष्ट्रपति उनका चुनाव मंत्रीपद हेतु कर सके राष्ट्रपति केवल उन्हीं लोगों को मंत्री बना सकता है जिनके नामो की सिफारिश प्रधानमंत्री करता है।
२ प्रधानमंत्री को यह निर्णय लेने का अधिकार है कि किस मंत्री को कौन सा विभाग दिया जाएगा और वह उनको आबंटित विभाग में परिवर्तन अर्थात फेरबदल भी कर सकता है।
३ मंत्रीपरिषद की अध्यक्षता भी वह स्वयं करता है। और अपनी मर्जी के अनुसार निर्णय बदल भी सकता है
४ वह किसी भी मंत्री को बर्खास्त करने अथवा त्यागपत्र देने हेतु राष्ट्रपति को सलाह देने का अधिकार रखता है।
५ वह अपने पद से त्यागपत्र देकर पुरे मंत्रीमंडल को बर्खास्त करने की सलाह भी राष्ट्रपति को दे सकता है। अर्थात वह मंत्री मंडल भंग कर नये सिरे से चुनाव करवाने हेतु राष्ट्रपति को सलाह दे सकता है।

अधिक जानकारी के के लिये -
https://www.jagranjosh.com/general-knowledge/power-and-duties-of-indian-prime-minister-in-hindi-1490095069-2

इसे भी देख सकते हैं
https://www.facebook.com/constutindia/






Thursday, January 17, 2019

Part-5 | chepter-2 | parliament | general


CHAPTER II : PARLIAMENT

General
79 Constitution of Parliament.
80 Composition of the Council of States.
81 Composition of the House of the People.
82 Readjustment after each census.
83 Duration of Houses of Parliament.
84 Qualification for membership of Parliament.
85 Sessions of Parliament, prorogation and dissolution.
86 Right of President to address and send messages to Houses.
87 Special address by the President.
88 Rights of Ministers and Attorney-General as respects Houses.


Friday, January 11, 2019

Part-5 The union | chepter-1 | The executive

The President and Vice-President

52 The President of India.
53 Executive power of the Union.
54 Election of President.
55 Manner of election of President.
56 Term of office of President.
57 Eligibility for re-election.
58 Qualifications for election as President.
59 Conditions of President’s office.
60 Oath or affirmation by the President.
61 Procedure for impeachment of the President.
62 Time of holding election to fill vacancy in the office of  President and the term of office of person elected to fill casual vacancy.
63 The Vice-President of India.
64 The Vice-President to be ex officio Chairman of the Council of States.
65 The Vice-President to act as President or to discharge his functions during casual vacancies in the office, or during the absence, of President.
66 Election of Vice-President.
67 Term of office of Vice-President.
68 Time of holding election to fill vacancy in the office of Vice-President and the term of office of person elected to fill casual vacancy.
69 Oath or affirmation by the Vice-President.
70 Discharge of President’s functions in other contingencies.
71 Matters relating to, or connected with, the election of a President or Vice-President.
72 Power of President to grant pardons, etc., and to suspend, remit or commute sentences in certain cases.
73 Extent of executive power of the Union.


Council of Ministers
74 Council of Ministers to aid and advise President.
75 Other provisions as to Ministers.
The Attorney-General for India
76 Attorney-General for India.
Conduct of Government Business
77 Conduct of business of the Government of India.
78 Duties of Prime Minister as respects the furnishing of information to the President, etc.

INDIAN CONSTITUTION | Part-4 | directive principles of state policy | DPSP

(DPSP) are the guidelines or principles given to the federal institutes governing the state of India, to be kept in citation while framing laws and policies. These provisions, contained in Part IV (Article 36-51) of the Constitution of India, are not enforceable by any court, but the principles laid down therein are considered irrefutable in the governance of the country, making it the duty of the State to apply these principles in making laws to establish a just society in the country. The principles have been inspired by the Directive Principles given in the Constitution of Ireland relate to social justice, economic welfare, foreign policy, and legal and administrative matters.
Directive Principles are classified under the following categories economic and socialistic, political and administrative, justice and legal, environmental, protection of monuments and peace and security.
For more information:

Tuesday, January 8, 2019

Part-3 | fundamental rights |


General
12 Definition.
13 Laws inconsistent with or in derogation of the fundamental rights.
Right to Equality
14 Equality before Law.
15 Prohibition of discrimination on grounds of religion, race, caste, sex or place of birth.
16 Equality of opportunity in matters of public employment.
17 Abolition of Untouchability.
18 Abolition of titles. 

Right to Freedom
19 Protection of certain rights regarding freedom of speech, etc.
20 Protection in respect of conviction for offences.
21 Protection of life and personal liberty.
22 Protection against arrest and detention in certain cases.

Right against Exploitation 
23 Prohibition of traffic in human beings and forced labour.
24 Prohibition of employment of children in factories, etc.
Right to Freedom of Religion
25 Freedom of conscience and free profession, practice and propagation of  religion.
26 Freedom to manage religious affairs.
27 Freedom as to payment of taxes for promotion of any particular religion.
28 Freedom as to attendance at religious instruction or religious worship in certain educational institutions.

Cultural and Educational Rights
29 Protection of interests of minorities.
30 Right of minorities to establish and administer educational institutions.
31 [Repealed.]
Saving of Certain Laws
31A Saving of Laws providing for acquisition of estates, etc.
31B Validation of certain Acts and Regulations.
31C Saving of laws giving effect to certain directive principles.
31D [Repealed.]
Right to Constitutional Remedies
32 Remedies for enforcement of rights conferred by this Part.
32A [Repealed.]
33 Power of Parliament to modify the rights conferred by this Part in their application to Forces, etc.
34 Restriction on rights conferred by this Part while martial law is in force in any area.
35 Legislation to give effect to the provisions of this Part


Monday, January 7, 2019

preamble | constitution | part-1 and part-2


Constitution of India contains 395 articles in 22 parts. Additional articles and parts are inserted later through various amendments. There are also 12 schedules in the Indian Constitution

Preamble and Repealed articles or parts are specially mentioned.

PREAMBLE
WE, THE PEOPLE OF INDIA, having solemnly resolved to constitute India into a SOVEREIGN, SOCIALIST, SECULAR, DEMOCRATIC, REPUBLIC and to secure to all its citizens:
JUSTICE, social, economic and political;
LIBERTY of thought, expression, belief, faith and worship;
EQUALITY of status and of opportunity; and to promote among them all
FRATERNITY assuring the dignity of the individual and the unity and integrity of the nation;
IN OUR CONSTITUENT ASSEMBLY this twenty-sixth day of November 1949, do HEREBY ADOPT, ENACT AND GIVE TO OURSELVES as THIS CONSTITUTION.
PART I: THE UNION AND ITS TERRITORY
1 Name and territory of the Union.
2 Admission or establishment of new States.
2A [Repealed.]
3 Formation of new States and alteration of areas, boundaries or names of existing States.
4 Laws made under articles 2 and 3 to provide for the amendment of the First and the Fourth Schedules and supplemental, incidental and consequential matters.
PART II: CITIZENSHIP
5 Citizenship at the commencement of the Constitution.
6 Rights of citizenship of certain persons who have migrated to India from Pakistan.
7 Rights of citizenship of certain migrants to Pakistan.
8 Rights of citizenship of certain persons of Indian origin residing outside India.
9 Persons voluntarily acquiring citizenship of a foreign State not to be citizens.
10 Continuance of the rights of citizenship.
11 Parliament to regulate the right of citizenship by law.



Tuesday, January 1, 2019

Chepter-2 | indian penal code | general explanation | section 8 to 12

Section -8

Gender

The person "he" and its derivatives are used of any person, whether male or female.

Section-9

Number

Unless the contrary appears from the context, words importing the singular number include the plural number, and words importing the plural number include the singular number.

Section-10

"Man" "Woman"

The words "man" denotes a male human being of any age; the words "woman" denotes a female human being of any age.

Section-11

"Person"

The word "person" includes any company or Association or body of persons, whether Incorporated or not.

Section-12

"Public"

The word "public" includes any class of the public or any community.















Chapter-2 | indian penal code 1860 | section-7

Section-7

Sence of expression of once explained

Every expression which is explained in any part of this code, is used in any part of this code in comformity with the explanation.

Sunday, December 30, 2018

IPC | chapter-2 | sections 6 to 52 | general explanation

Section-6

definitions in the code to be understood subject to exception

Throughout this code every definition of an offence, every penal provisions and every illustration of every such definition or penal provisions, shall be understood subject to the exceptions contend in the chapter entiteld "General Exceptions", though those exceptions are not repeated in such definition, penal provisions, or illustration.  
Illustrations
(a) The section, in this code, which contain definitions of offences, do not express that a child under seven years of age cannot commit such offences; but the definitions are to be understood subject to the general exception which provides that nothing shall be an offence which done by child under seven years of age.
(b) A a police-officer, without Warren, apprehends Z who has committed murder. Here A is not guilty of the offence of wrongful confinement ; for he was bound by law to apprehend Z, and therefore the case falls within the general exception which provides that "nothing is an offence which is done by a person who is bounded by law to do it".