स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार द्वारा आयोजित किया गया राष्ट्रिय स्तर का अभियान है। इस अभियान का उद्देश्य गलियों और सड़कों को साफ रखना तथा क्लस्टर और सामुदायिक शौचालयों के निर्माण के माध्यम से खुले में शौच की समस्या को कम करना या समाप्त करना है।
स्वच्छ भारत मिशन विसर्जन उपयोग की निगरानी के जवाबदेह तंत्र को स्थापित करने की भी एक पहल सरकार ने 2 अक्टूबर 2019, महात्मा गांधी के जन्म की 150वीं वर्षगांठ तक ग्रामीण भारत में 1.96 लाख करोड़ रुपए की अनुमानित लागत के 1.2 करोड़ शौचालयों का निर्माण करके खुले में शौच मुक्त भारत (ODF) को हासिल करने का लक्ष्य रखा है।
स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार द्वारा चलाया जाने वाला सबसे बड़ा तथा महत्वपूर्ण अभियान है। श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा इंडिया गेट पर स्वच्छता के लिए आयोजित प्रतिज्ञा समारोह का शुभारंभ किया गया था। जिसमें देश भर से लगभग 50 लाख सरकारी कर्मचारीयों ने भाग लिया। इस अवसर पर आये हुए सभी लोग राजपथ पर पदयात्रा में शामिल हुए।
शुरुआत
यह स्वच्छता अभियान मोदी सरकार के आने से पहले ही शुरू हो चुका था किन्तु इस कार्य को गति मोदी जी ने दिया।
अधिकारिक रूप से 1 अप्रेल 1999 से शुरू, भारत सरकार ने व्यापक ग्रामिण स्वच्छता अभियान का पुनर्गठन किया और पूर्ण स्वच्छता अभियान (TSC) शुरू किया। जिसको बाद में (1 अप्रेल 2012 को ) प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा निर्मल भारत अभियान (NBA) नाम दिया गया। स्वच्छ भारत अभियान के रूप में 24 सितम्बर 2014 को केन्द्रीय मंत्रीमंडल की मंजूरी से निर्मल भारत अभियान का पुनर्गठन किया गया था।
निर्मल भारत अभियान(1999 से 2012 तक पूर्ण स्वच्छता अभियान) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई पूर्ण स्वच्छता(CLTS) के सिद्धांतों के तहत एक कार्यक्रम था। जिन गांवों ने पूर्ण स्वच्छता रखी उन्हें निर्मल ग्राम पुरस्कार से सम्मानित किया गया है तथा इस कार्यक्रम के तहत मौद्रिक पुरस्कार एवं प्रचार भी प्राप्त किये।
स्वच्छ भारत मिशन विसर्जन उपयोग की निगरानी के जवाबदेह तंत्र को स्थापित करने की भी एक पहल सरकार ने 2 अक्टूबर 2019, महात्मा गांधी के जन्म की 150वीं वर्षगांठ तक ग्रामीण भारत में 1.96 लाख करोड़ रुपए की अनुमानित लागत के 1.2 करोड़ शौचालयों का निर्माण करके खुले में शौच मुक्त भारत (ODF) को हासिल करने का लक्ष्य रखा है।
शुरुआत
यह स्वच्छता अभियान मोदी सरकार के आने से पहले ही शुरू हो चुका था किन्तु इस कार्य को गति मोदी जी ने दिया।
अधिकारिक रूप से 1 अप्रेल 1999 से शुरू, भारत सरकार ने व्यापक ग्रामिण स्वच्छता अभियान का पुनर्गठन किया और पूर्ण स्वच्छता अभियान (TSC) शुरू किया। जिसको बाद में (1 अप्रेल 2012 को ) प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा निर्मल भारत अभियान (NBA) नाम दिया गया। स्वच्छ भारत अभियान के रूप में 24 सितम्बर 2014 को केन्द्रीय मंत्रीमंडल की मंजूरी से निर्मल भारत अभियान का पुनर्गठन किया गया था।
निर्मल भारत अभियान(1999 से 2012 तक पूर्ण स्वच्छता अभियान) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई पूर्ण स्वच्छता(CLTS) के सिद्धांतों के तहत एक कार्यक्रम था। जिन गांवों ने पूर्ण स्वच्छता रखी उन्हें निर्मल ग्राम पुरस्कार से सम्मानित किया गया है तथा इस कार्यक्रम के तहत मौद्रिक पुरस्कार एवं प्रचार भी प्राप्त किये।
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